Maharaj Ji

अखिल भारतीय नाथ सम्प्रदाय मठाधीश श्री श्री 1008 महंत पीर योगी रामनाथ जी महाराज (मठ भर्तृहरि गुफा, उज्जैन)

पीठाधीश्वर : श्री श्री 1008 महंत पीर योगी रामनाथ जी महाराज

श्री श्री 1008 महंत योगी रामनाथ जी महाराज एक सिद्ध साधक, तांत्रिक विद्या के गहन ज्ञाता, और माँ बगलामुखी साधना पीठ, उज्जैन के पीठाधीश्वर हैं। आपका जीवन माँ बगलामुखी की कृपा, तंत्र साधना, तपस्या और सेवा के प्रति समर्पित रहा है।

आपने अल्पायु से ही तांत्रिक विद्या, श्रीविद्या उपासना और महाविद्या साधनाओं का गंभीर अध्ययन और अभ्यास प्रारंभ किया। कठोर साधनाओं और गुरु कृपा से आपने सिद्धि प्राप्त कर साधकों के लिए एक पथप्रदर्शक की भूमिका निभाई।

आप जन-जन को अध्यात्म से जोड़ने और समाज को सत्य-पथ, जन सेवा, भक्ति-मार्ग, ध्यान-पथ के अनुगामी बनाने के लिए निरंतर प्रयत्नशील रहे हैं। आपकी दिव्य दूरदृष्टि, दृढ़ संकल्प शक्ति, विचारधारा हम सभी के लिए पवित्र सकारात्मक उर्जा व प्रेरणा स्रोत रही हैं।

Shubh Sandesh

गुरूदेव की अध्यात्मिक यात्रा

आन्ध्रप्रदेश के संभ्रांत रेड्डी (राजपूत) परिवार में जन्मे, श्री रामनाथ जी को बाल्यकाल से ही अध्यात्म के प्रति लगाव था, वे नित्य अपने माता पिता को पूजा अर्चना करते हुए देखते व उनके भजनों को ध्यान से सुना करते थे, जैसे-जैसे वे बड़े होते गए वैसे वैसे उनके अन्तर्मन में अध्यात्म की जड़े मजबूत होती गई, 8 वर्ष की आयु से वे केरल में अय्यप्पा स्वामी टेंपल में जाने लगे थे, मंदिर की मधुर आरती का संगीत, घंटों की टंकार, शंख नाद, उनके अंतर्मन को आनंदित कर देता था। माता-पिता से उनका यह भक्ति भाव छुपा नहीं था। पिता की सप्रेरणा से 12 वर्ष की आयु में उन्होंने अय्यप्पा स्वामी टेंपल में नियमानुसार काले वस्त्र धारण कर 41 दिनों तक विधिवत मंत्रोच्चारण द्वारा विशेष अनुष्ठान एवं साधना से वहां के वरिष्ठ योग्य आचार्य को प्रसन्न कर दीक्षा प्राप्त की थी। इस समय उनका मन सांसारिक मोह माया से पूर्णतः विरक्त हो चुका था, उन्हें प्रभु भक्ति के अतिरिक्त कुछ भी अच्छा नहीं लगता था । 17 वर्ष की अल्पायु में उन्होंने घर का परित्याग कर दिया और निकल पड़े, परम पिता परमेश्वर से साक्षात्कार करने। वे अनेक सिद्ध पवित्र तीर्थ स्थलों के भ्रमण पर निकल गए जिनमें नेपाल, काशी, कामाख्या, रामेश्वरम, हरिद्वार, बद्रीनाथ धाम एवं केदारनाथ धाम, (इन दोनो धाम की उन्होंने नंगे पाँओं पद यात्रा की) हिमाचल प्रदेश स्थित सिद्ध पीठ नैनादेवी, चामुण्डा, चिंतपूर्णी, एवं ज्वालाजी भ्रमण करते हुए नाथ सम्प्रदाय की सिद्ध पीठ गोरख डिब्बी पहुँचे। यहाँ उन्हें अनेक नाथ सिद्धों के चरण स्पर्श करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। इसी पवित्र पीठ पर योगी पीर ब्रहस्पतिनाथ जी महाराज से उन्होंने नाथ पंथ की विधिवत दीक्षा ली और गुरू आज्ञा से पाँच वर्षो तक इसी स्थान पर ध्यान, पूजा अर्चना करते रहें। यहाँ से भ्रमण करते हुए वे राजस्थान के सीकर में स्थित गोरक्षनाथ मंदिर पहुँचे। यहाँ पर वे दादा गुरू योगी महंत पारसनाथ जी महाराज की सेवा में चार वर्षों तक रहे। उज्जैन सिंहस्थ (कुभं) सन् 2004 में योगी रामनाथ जी अपने गुरू योगी ब्रहस्पतिनाथ जी के साथ भर्तृहरि गुफा उज्जैन पहुँचे यहाँ पर उनके गुरू योगी ब्रहस्पतिनाथ जी को पीर की उपाधी से सम्मानित किया, आगे चलकर वे यहाँ के महंत नियुक्त हुए। इस सम्पूर्ण अवधि में योगी रामनाथ जी भर्तृहरि गुफा में पूजा अर्चना एवं साधना किया करते थे। गुरू के सानिध्य में इन्होंने आगामी सिंहस्थ (कुभं) सन् 2016 तक महत्वपूर्ण कोठारी पद का अपना कार्यकाल पूर्ण किया। सिंहस्थ 2016 में भारत के विभन्न स्थानों से उज्जैन में पधारे नाथ सम्प्रदाय के प्रतिष्ठित नाथ संत व अखिल भारत वर्ष भेष बारह पंथ योगी महासभा के अध्यक्ष योगी आदित्यनाथ जी महाराज ने वरिष्ठ नाथ सिद्धों, एवं जमात की उपस्थिति में नाथ सिद्धों की परम्परा के अनुसार चादर विधि कर योगी रामनाथ जी को सर्व सम्मति से पीर की उपाधि से सम्मानित कर उन्हें 12 वर्षों के लिए भर्तृहरि गुफा, उज्जैन का गादीपति मनोनित किया गया।

उज्जैन में नाथ सम्प्रदाय के सिद्ध योगी पीर मलंग सरकार जी का जीवित समाधि स्थल भैरवगढ़ पुल के निकट कालभैरव मन्दिर के सामने क्षिप्रा नदी के दूसरे तट पर घने वृक्षों के मध्य स्थित है। राजा भोज के समकालीन योगी पीर मलंग सरकार जी ने यहाँ घोर तपस्या कर सिद्धियाँ प्राप्त की थी। योगी महंत पीर रामनाथ जी महाराज विगत अनेक वर्षों से निरंतर बाबा योगी पीर मलंग सरकार जी की भक्ति में लीन रहें इस पवित्र स्थान पर वे प्रत्येक गुरूवार को पूजा अर्चना और हवन किया करते हैं। अपने भक्त महन्त पीर रामनाथजी की निःस्वार्थ भक्ति से प्रसन्न होकर एकबार पीर योगी मलंगसरकार जी ने उन्हें स्वप्न में आकर दर्शन दियें, और अपनी समाधी स्थल का जीर्णोधार करने व इसी परिसर में माँ बगलामुखी की प्रतिमा स्थापित करने का आदेश दिया था। बाबा के आदेश को शिरोधार्य कर योगी महंत पीर रामनाथ जी (गुरूः योगी ब्रह्मलीन 1008 बृहस्पतिनाथ जी महाराज) ने यहाँ मलंग सरकार समाधी स्थल पर सन् 2016 में बाबा के समाधि मंदिर का निर्माण कराया, सभी धर्मो के आस्था के प्रतीक बाबा सिद्ध योगी पीर मलंग सरकार जी की इस प्राचीन एवं जाग्रत समाधि स्थल पर प्रतिवर्ष लाखों श्रद्धालु नतमस्तक होते हैं, और पीर जी के आशीर्वाद से उनकी समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होती है। इस पवित्र स्थल पर साधकों को दिव्य एवं चमत्कारी अनुभूतियां समय-समय पर अनुभव होती रहती हैं। योगी महंत पीर रामनाथ जी महाराज योगी मलंगसरकार जी की प्रेरणा से इस परिसर में महाविद्या माँ बगलामुखी मंदिर के निर्माण की दिशा में प्रयासरत हो गये, उनकी निःस्वार्थ भक्ति एवं दृढ़ संकल्प के परिणाम स्वरूप पीर रामनाथ जी महाराज का प्रयास सार्थक हुआ और सन् 2020 में दक्षिण भारतीय शैली में इस भव्य अनूठे दिव्य मंदिर का निर्माण पूर्ण हुआ। आप स्वभाव से विनम्र मृदुभाषी होने

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