महायोगी पीर मलंगनाथ जी

योग, तप और तंत्र का जीवंत स्वरूप

पीर मलंगनाथ जी नाथ परंपरा के सिद्ध योगी माने जाते हैं, जिनका जीवन गहन साधना, आत्मज्ञान और जनकल्याण के लिए समर्पित था। उनका नाम ‘पीर’ और ‘नाथ’ दोनों के साथ जुड़ना यह दर्शाता है कि वे हिंदू और सूफी परंपरा के संगम का प्रतीक थे — एक ऐसे योगी जिन्होंने भक्ति, शक्ति और सेवा तीनों को साधना का आधार बनाया।

आध्यात्मिक विशेषताएँ:

नाथ-तांत्रिक परंपरा में योगदान:

श्रद्धालु उन्हें किस रूप में पूजते हैं?

“ॐ ह्लीं बगलामुखि स्वाहा”। “ॐ ह्लीं बगलामुखि स्वाहा”। “ॐ ह्लीं बगलामुखि स्वाहा”। “ॐ ह्लीं बगलामुखि स्वाहा”। “ॐ ह्लीं बगलामुखि स्वाहा”। “ॐ ह्लीं बगलामुखि स्वाहा”। “ॐ ह्लीं बगलामुखि स्वाहा”। “ॐ ह्लीं बगलामुखि स्वाहा”।

अब करें दोषों से मुक्ति का आरंभ – माँ बगलामुखी यज्ञ से

ग्रह दोष, शत्रु बाधा, पारिवारिक अशांति या मानसिक तनाव—माँ बगलामुखी का विशेष अनुज्ञा यज्ञ हर समस्या का समाधान है। अनुभवी साधकों द्वारा संपन्न यह यज्ञ जीवन में शक्ति, शांति और विजय का संचार करता है।

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