माँ प्रत्यंगिरा देवी – तांत्रिक रक्षा और उग्र शक्ति का स्वरूप

अदृश्य शक्तियों से रक्षा करने वाली परम तांत्रिक देवी

माँ प्रत्यंगिरा देवी को तांत्रिक परंपरा की एक अत्यंत रहस्यमयी और उग्र रूप वाली देवी माना जाता है। इनका स्वरूप सिंहमुखी है — जो शक्ति, तेज और रक्षण का प्रतीक है। यह देवी भगवान नृसिंह के क्रोध को शांत करने हेतु प्रकट हुई शक्ति मानी जाती हैं, जो साधक को दुष्ट शक्तियों, तांत्रिक बाधाओं और नकारात्मक ऊर्जा से रक्षा प्रदान करती हैं।
माँ प्रत्यंगिरा देवी की साधना अत्यंत गोपनीय मानी जाती है और इसे केवल योग्य गुरु के मार्गदर्शन में ही संपन्न किया जाता है। यह साधना काला जादू, भूत-प्रेत बाधा, मानसिक आतंक, तथा अदृश्य संकटों से मुक्ति दिलाने में सक्षम होती है।

🌟 विशेषताएँ:

📿 प्रमुख मंत्र:

"ॐ क्षें क्षौं प्रत्यंगिरायै नमः"

यह बीज मंत्र साधक को आंतरिक बल, रक्षा और आध्यात्मिक उन्नति प्रदान करता है।

“ॐ ह्लीं बगलामुखि स्वाहा”। “ॐ ह्लीं बगलामुखि स्वाहा”। “ॐ ह्लीं बगलामुखि स्वाहा”। “ॐ ह्लीं बगलामुखि स्वाहा”। “ॐ ह्लीं बगलामुखि स्वाहा”। “ॐ ह्लीं बगलामुखि स्वाहा”। “ॐ ह्लीं बगलामुखि स्वाहा”। “ॐ ह्लीं बगलामुखि स्वाहा”।

अब करें दोषों से मुक्ति का आरंभ – माँ बगलामुखी यज्ञ से

ग्रह दोष, शत्रु बाधा, पारिवारिक अशांति या मानसिक तनाव—माँ बगलामुखी का विशेष अनुज्ञा यज्ञ हर समस्या का समाधान है। अनुभवी साधकों द्वारा संपन्न यह यज्ञ जीवन में शक्ति, शांति और विजय का संचार करता है।

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